बरसात में होने वाली बीमारियाँ और उनसे बचाव

बरसात के मौसम में होने वाली बीमारियाँ हमारे स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकती हैं। इस मौसम में जगह-जगह पानी जमा हो जाता है, जिससे छोटे-छोटे कीट-पतंगे पनपने लगते हैं और डेंगू जैसी बीमारियाँ तेजी से फैलने लगती हैं। इसके अलावा, बरसात में पीने का पानी भी दूषित हो जाता है, जिससे पेट खराब होना और किडनी से जुड़ी समस्याएँ आम हो जाती हैं। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि बरसात के मौसम में होने वाली बीमारियाँ कौन-कौन सी होती हैं और उनसे बचने के लिए हमें क्या सावधानियाँ अपनानी चाहिए।

बरसात के मौसम मे होने वाली बीमारियाँ

डेंगू (Dengue) क्या है?

बरसात में होने वाली बीमारियाँ में सबसे सामान्य और खतरनाक बीमारी है डेंगू। यह बीमारी साफ और ठहरे हुए पानी में पनपने वाले मच्छरों के कारण होती है। डेंगू का वायरस “फ्लैवीवायरस (Flavivirus)” होता है, जो मादा एडीज एजिप्टी मच्छर (Aedes Aegypti) के काटने से फैलता है। यही मच्छर डेंगू के अलावा चिकनगुनिया, जीका वायरस और येलो फीवर जैसी बीमारियाँ भी फैलाता है।

महत्वपूर्ण बात यह है कि केवल मादा मच्छर ही इंसानों को काटती हैं क्योंकि नर मच्छर के पास डंक नहीं होता। आपने अक्सर देखा होगा कि सिर के आसपास मच्छरों का झुंड होता है — उनमें से अधिकांश नर मच्छर होते हैं, जो सिर्फ भिनभिनाते हैं। लेकिन खून चूसने का काम केवल मादा मच्छर करती है।

डेंगू के लक्षण

  1. ठंड लगना
  2. तेज बुखार होना
  3. शरीर पर निशान का होना
  4. थ्रॉम्बोसाइटोपीनिया (Thrombocytopenia)

अब आप सोच रहे होंगे की नर मछर क्यू नहीं काटते नर मछर के पास वो डंक नहीं होता जो मादा मछर का पास होता है ओर इस लिए नर मछर अपने देखा होगा की जब आप कहीं खड़े होते है तो आपके सिर पर बहुत से मछर होते है वो नर मछर बवह होते है खून चूसने का काम मादा मछर ही करती है

डेंगू से बचाव के उपाय

  1. ये मछर ज्यादा तर दिने मे ही काटता है
  2. पानी को जमा न होने दें (कूलर, टंकी, गमले आदि में)।
  3. मच्छरदानी और रिपेलेंट का प्रयोग करें।पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें।

हैजा (Cholera) क्या है?

बरसात में होने वाली बीमारियाँ में एक आम और खतरनाक बीमारी है हैजा (Cholera)। यह बीमारी दूषित पानी और भोजन के सेवन से फैलती है। हैजा के कारण शरीर में पानी की अत्यधिक कमी और कमजोरी हो जाती है। इसके लक्षणों में पेट दर्द, उल्टी आना, और लगातार दस्त लगना शामिल हैं। यह स्थिति अक्सर तब बनती है जब मौसम बदलता है, और बरसात के मौसम में तो यह बीमारी और भी ज़्यादा फैलती है।

इसलिए बारिश के मौसम में हैजा के लक्षण और बचाव को समझना बेहद जरूरी होता है। सावधानी न बरती जाए तो यह बीमारी गंभीर रूप ले सकती है, विशेष रूप से बच्चों और बुज़ुर्गों के लिए।

हैजा के लक्षण

  1. तीव्र दस्त लग्न
  2. पानी की कमी होना
  3. कमजोरी होना

हैजा से बचाव

  1. भोजन पकाने से पहले हाथ अवश्य धोए
  2. रसोई को साफ सुधर रखें
  3. घर मे जहां सीलन है वह पर बिल्कुल भी खाना न बनाए या वहाँ पर खाना न रखें|
  4. स्वच्छ पानी का उपयोग करें।

फंगल इंफेक्शन (Tinea Cruris) क्या है?

बरसात में होने वाली बीमारियाँ में एक और आम समस्या है फंगल संक्रमण (Fungal Infection), जो विशेष रूप से बारिश के दिनों में तेजी से फैलती है। इस मौसम में कपड़ों में नमी बनी रहती है और गीले कपड़े पहनने की वजह से यह संक्रमण त्वचा पर पनपने लगता है।

सबसे ज्यादा असर अंडरगारमेंट्स की वजह से होता है — यदि आप गीले या नम कच्छे पहनते हैं, तो यह आपके गुप्त अंगों और जांघों के आसपास फंगल बीमारी को जन्म दे सकता है, जिसे “Tinea Cruris” कहा जाता है। इसे आम भाषा में “जांघों का फंगल संक्रमण” या “Jock Itch” भी कहा जाता है।

फंगल संक्रमण से बचाव के उपाय अपनाना बहुत ज़रूरी होता है, खासकर तब जब हवा में नमी हो और कपड़े जल्दी सूख न रहे हों। यह संक्रमण न केवल खुजली और जलन का कारण बनता है, बल्कि पस और चकत्तों जैसी गंभीर समस्याएँ भी पैदा कर सकता है।

TineaCruris_manavheqlth.com
TineaCruris Disease

Tinea Cruris (टीनिया क्रूरिस)

इसे आम भाषा में कहते हैं:

“जॉक इच” (Jock Itch) या “जांघों का फंगल इंफेक्शन”

Tinea Cruris एक फंगल इंफेक्शन है जो मुख्य रूप से जांघों, गुप्तांगों और नितंबों के आसपास होता है। यह एक डार्क एरिया में पनपने वाला फंगस है, और नमी इसकी वृद्धि को तेज कर देती है।

READ MORE: What is AIDS virus ? treatments, symptoms in hindi

फंगल इंफेक्शन के लक्षण

  • त्वचा पर काले-भूरे रंग के गोल दाग

  • तेज खुजली

  • जलन और चकत्ते

  • गंध या पपड़ीदार त्वचा

  • कई बार यह छीलने लगता है या पस भी हो सकता है

फंगल इंफेक्शन के कारण

  • गीला या पसीने से भरा कच्छा पहनना

  • सिंथेटिक अंडरगारमेंट्स

  • बार-बार कपड़े न बदलना

  • मोटापा या डायबिटीज़

  • पब्लिक टॉयलेट/स्नानगृह का गलत उपयोग

फंगल इंफेक्शन का घरेलू इलाज

  1. नीम के पानी से धोना
  2. नारियल तेल + कपूर लगाना
  3. एप्पल साइडर विनेगर (थोड़ा पानी मिलाकर) लगाना
  4. अपने undergarments  को सूखा ही पाना चाहिए अगर भीगा हुआ है तो प्रेस करके पाएं |
  5. खुजली वाली जगह पर नाखून से न खुजलाएं
  6. दूसरों के टॉवल या कच्छा इस्तेमाल न करें|

फूड पॉइज़निंग (FOOD POISONING) क्या है ?

बरसात में होने वाली बीमारियाँ में एक और गंभीर बीमारी है फूड पॉइज़निंग (Food Poisoning)। यह बीमारी तब होती है जब हम दूषित भोजन या ऐसा खाना खाते हैं जो लंबे समय तक खुला पड़ा हो या जिसे सही तरीके से स्टोर नहीं किया गया हो। जैसे अगर भोजन को फ्रिज में न रखा जाए, तो उसमें जीवाणु (bacteria) या कवक (fungus) पनपने लगते हैं।

फूड पॉइज़निंग के कारण और बचाव को समझना जरूरी है क्योंकि बरसात के मौसम में नमी के कारण खाने-पीने की चीज़ें जल्दी खराब हो जाती हैं। ऐसा खाना खाने से उल्टी, दस्त, पेट दर्द और बुखार जैसे लक्षण सामने आते हैं। यह बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है, खासकर जब शरीर में पानी की कमी हो जाए।

फूड पॉइज़निंग (FOOD POISONING) के लक्षण 

  1. पेट मे दर्द होना |
  2. दस्त लगना पेट दर्द होना
  3. उलटी लगना
  4. बुखार
  5. शरीर मे पानी की कमी का हो जाना

फूड पॉइज़निंग (FOOD POISONING) के कारण 

  1. खुला भोजन खाना
  2. व्यवस्थित ठीक से न करना भोजन
  3. संक्रमित भोजन करना
  4. बाहर का खाना खाना
  5. गंदे बर्तन या हाथों से खाना बनाना

फूड पॉइज़निंग (FOOD POISONING) से बचाव 

  1. बासी भोजन न खाएं|
  2. उबला हुआ या फ़िल्टर किया गया पानी पिएं|
  3. दूध, दही जैसी चीज़ों को सही तापमान पर रखें|
  4. फलों को धोओ कर खाएँ |
  5. गंदे बर्तन मे खाना न खाएँ |
  6. बाहर का स्ट्रीट फूड न खाएँ |

ये कुछ बीमारियाँ थी जो बारिशों के दिनों मे ध्यान न रखने से हो सकती है खास कर बच्चों के लिए तो बहुत जरूरी है इन बातों का ध्यान रखना|

READ MORE: Pet saaf karne ke upay

बरसात में होने वाली बीमारियाँ से स्वस्थ रहने के लिए सामान्य सावधानियाँ

  1. बरसात के दिनों मे पानी उबाल कर या RO का ही पीना चाहिए क्यू की काफी जगह पाइप लीक होने की वजह से गंदा पानी आने की आशंका होती है |
  2. घर ही खाना खाएँ कोशिश करें की अपने ही घर का खाना खाएँ भर का खाना न खाएं |
  3. सूखे और कॉटन के कपड़े पहनें गीले कपड़े या सिंथेटिक कपड़े से फंगल इंफेक्शन हो सकता है|

कपड़ों और नमी से कैसे बचें?

  1. अंडरगारमेंट्स दिन में कम से कम 2 बार बदलें नमी वाले अंडरगारमेंट्स पहनने से फंगल संक्रमण (जैसे Jock Itch) हो सकता है।
  2. नहाने या भीगने के बाद गुप्तांगों और त्वचा की तहों को अच्छी तरह पोंछें|
  3. कपड़े धूप में सुखाएं या प्रेस करे हुए ही पाएँ |

बरसात में बच्चों और बुज़ुर्गों का विशेष ध्यान कैसे रखें?

  • बरसात के दिनों मे बच्चों ओर बुजुर्गों का बाद ध्यान रखना पड़ता है क्यू की बचे बार बार निकर गीली कर देते है जिस कारण संक्रमण होने के काफी चांस होते है
  • दूसरा छोटे बच्चे नीचे जमीन पर खेलते है ओर बारिश के दिनों मे जमीन से बहुत किट पतंगे निकलते है जो बच्चों को काट सकते है एस लिए बच्चों को नीचे अकेला न छोड़े या तो ऊपर बेड पर ही उन्हे खेलने दे |

REAM MORE: Baccho ki immunity kaise badhaye