नमस्कार दोस्तों अगर कोई आपसे पूछे की आप स्वास्थ है तो आप कहेगे हा भाई मैं तो स्वस्थ हूँ लेकिन क्या आप जानते है की शारीरिक तोर से सब को पता लग जाता है की मैं बीमार हु या मुझे दर्द हो रहा है लेकिन मानसिक रूप से बीमार को आप कैसे पता करे आपको कैसे पता लगेगा की मैं मानसिक रूप से बीमार हु (WORLD HEALTH ORGANIZATIONS) के अनुसार देश मे मानसिक रूप से बीमारी की दर बढती जा रही है आज कल युवाओ मे खास कर ये देखा जा रहा है जॉब का स्ट्रेस ( TOXIC WORK CULTURE ) इसका मतलब ये है की आप जहां काम करते हो वहाँ पर लोग आपसे jealous रखते हो वहाँ पर politics ज्यादा चलती हो आपके हुनर से ज्यादा चमचा गिरी वालों को प्रोत्साहन मिले जहां पर आपका बॉस को सिर्फ हाँ सुनने मे ज्यादा interest हो जहां आपके विचारो की कोई कदर न हो आप frustrate महसूस करे अगर एनमे से तीन मे भी अगर ओके आ रहा है तो समझ लीजिए आप toxic work culture के शिकार है उस जगह कम करोगे तो आपको stress आएगा Stress आते ही आपका confidence low होगा क्यूंकी आप frustrate रहोगे यही frustration आपके family मे लड़ाई झगड़े का कारण बनते है यही स्ट्रेस ही आपको आपकी फॅमिली से दूर कर देता है यही बाद मे disorder का रूप ले लेता है
आइए जानते है डिसॉर्डर कितने प्रकार के होते है ओर इन्हे कैसे ठीक कर सकते है :-
DIPRESSION :-
- इसमें इसान हँसता है, ओर हँसता – हँसता अचानक उदास हो जाता है|
- भूख कभी ज्यादा लगना कभी कम लगना
- इसमें इंसान को ऐसा महसूस होता है उसका कोई अस्तित्व नहीं है
ANXIETY DIORDER
- छोटी छोटी बातों का ज्यादा चिंता करना|
- चिंतन ओर चिंता मे अंतर है चिंतन का मतलब है की आप अपने फ्यूचर के विश मे सोच रहे हो की लाइफ को कैसे मै बेहतर बना पाऊ
- ओर चिंता का मतलब है USE LESS THOUGHTS बहुत सोचने पर भी कोई नतीजा न निकले
- पता होने पर भी की मुझे आराम करना है उसके बावजूद आराम न करना
-
BIPOLAR DISORDER
:- इसमे इंसान दो situation के बीच मे घूमता रहता है कभी वह negative होगा कभी positive कभी वो high energetic ओर कभी low energetic महसूस करेगा
-
SCHIZOPHRENIA
जो चीजें आस पास नहीं है वो दिखाई देना या सुनाई देना या ऐसा महसूस करना मेरे पास पावर है बिखरे हुए विचार
जैसे क्लास में Science का Topic चल रहा है ओर कोई बच्चा उठ कर पूछे ,सर holidays कब से शुरू है
और आप उसे रिप्लाई करो तो ओर वह कुछ ओर बातें करने लगे| -
POST TRAUMATRIC STRESS DISORDER
ऐसा मानसिक रोग जिसमें किसी पुरानी घटना की वजह से आदमी को नींद ना आए पसीना आए स्पेशल लड़कियों के साथ अगर कुछ गलत हुआ हो तो और अगर से अगर यह बात उनके दिमाग में बैठ गई तो इस पोस्ट रोमांटिक स्टेटस कहते हैं और इस इसमें जैसे किसी इंसान को अपनी किसी पुरानी गलत करने की वजह से अपने आप को guilt महसूस करना इलाज रियलिटी के सभी कार्य करना फ्यूचर में आगे बढ़ना और काउंसलिंग करना फेल होने पर जैसे कुछ लोग एग्जाम से डरने लग जाते हैं तो यह भी पोस्ट ड्रैमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर का example है
-
ATTENTION DEFICIT HYPER ACTIVITY DISORDER
:- कुछ लोग ऐसे होते हैं जो दूसरे लोगों का अपने आसपास के लोगों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करना चाहते हैं बचपन की यह कुछ बचपन की कुछ मानसिक घटनाएं आदमियों को हद कर रोगी बना देती है कई बार कहते हैं कि कुछ लोग ड्रामा करते हैं जैसे ड्रामा क्वीन
Eating disorder इस बीमारी में लोग सोचते हैं कि मैं अगर ज्यादा खाऊंगा तो मैं कहीं मोटा ना हो जाऊं -
BORDER LINER PERSONALITY DISORDER MOOD SWING PERSONALITY:-
यह इंसान ऐसे होते हैं कभी-कभी तो यह बहुत ही ज्यादा मीठे हो जाते हैं यानी कि दूसरे लोगों के साथ बहुत अच्छा व्यवहार करते हैं और कभी बहुत ज्यादा क्रोध व्यवहार करते हैं या गुस्से में रहते हैं मतलब कभी भी इनका मूड स्विंग हो जाता है
Autism spectrum disorder – इस बीमारी में समिति से डर लगा लोगों को कई लोगों समिति से डर लगता है लोगों से बात करने वाला लगता है गले लगने में डर लगता है या ज्यादा लोगों को भीड़ वाले इलाके को देखकर उन्हें डर लगा महसूस हो जाता है यह लोग अकेले रहने में ज्यादा ठीक समझते हैं -
REAPETITAVE BEHAVIOUR DISORDER
बार-बार एक ही काम को करना सेंसिटिविटी बहुत ज्यादा होना स्माइल ज्यादा महसूस होना
-
ALZHIEME DISORDER
यदाश कम होना चल रहे है तो चलते रहना रुक न सकना हाथों का हिलना ये इंडिया मे कम पाया जाता है क्यूंकी इंडियन मे हल्दी का सेवन अत्यधिक किया जाता है जिस वजह से ये इंडिया मे कम पी जाती है |
-
PANIC DISORDER
मानसिक कमजोर इनके साथ कुछ गलत हुआ हो कभी भी रोना शुरू कर देना ,कभी चिल्लाना शूर कर देना सांस न आना , उलटी का आना डूबा हुआ फ़ील करना
- ठीक करने के उपाय :- अपनी hobbies को जिंदा रखना मुझे क्या बनना है उस पर कड़ी मेहनत करना अपना गोल प्राप्त करना अच्छे physiologist से counseling लेना ज्यादा टेंटीऑन न लेना