loo se kaise bachein – Garmi me heat stroke se kaise bache

Loo Se Kaise Bachein  ये जानने के लिए आपको जानना होगा की लू है क्या गर्मियों में चलने वाली तेज़, शुष्क और गर्म हवा को “लू” कहते हैं| ओर जब शरीर इसके संपर्क मे आता है तो शिर का तापमान बढ़ जाता है जिससे हीट स्ट्रोक या सन स्ट्रोक जैसी गंभीर स्थिति पैदा हो सकती है।

लू” एक तरह की गर्म, तेज़ और शुष्क हवा होती है जो गर्मियों के मौसम (अप्रैल से जून के बीच) में उत्तर भारत, राजस्थान, दिल्ली, मध्य प्रदेश, बिहार, हरियाणा आदि राज्यों में दोपहर के समय चलती है।

आइए जानते है की आज कल की मेडिकल साइंस ओर आयुर्वेदिक विज्ञान इसके विषय मे क्या कहते है :-

लू के समय शरीर में क्या होता है? (Medical Explanation)

  • Non-exertional Hyperthermia एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर का तापमान अत्यधिक बढ़ जाता है बिना किसी शारीरिक मेहनत (exertion) के। इसे “Classic Heat Stroke” भी कहा जाता है। यह अक्सर गर्मी के मौसम में उन लोगों को होता है जो गर्म वातावरण में लंबे समय तक रहते हैं लेकिन शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं होते।इसमें शरीर का तापमान 104°F (40°C) से ऊपर चला जाता है और Central Nervous System (CNS) (यानि दिमाग) पर सीधा असर होता है।
  • जब शरीर का तापमान अधिक बढ़ जाता है तो ओर शरीर उसे कंट्रोल नहीं कर पता ऐसी अवस्था को Hyperthermia (हाइपरथर्मिया) कहते है शरीर में सोडियम (Na), पोटैशियम (K), कैल्शियम (Ca) जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन बिगड़ जाना। जिसे  Electrolyte Imbalance (इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन) कहते है
  • जब दिल और रक्त संचार (blood circulation) की प्रणाली सही से काम करना बंद कर देती है जिसे  Cardiovascular Collapse (हृदय प्रणाली का फेल होना) कहते है 
  • लू लगना यानी शरीर का तापमान इतना अधिक बढ़ जाना कि शरीर की कूलिंग सिस्टम (पसीना) काम करना बंद कर दे।

आयुर्वेद के अनुसार लू क्या है?

आयुर्वेद में लू को “Atyanta Ushna Vaata-Pitta Prakopaj Jwara” कहा गया है।
यानि बहुत गर्म, वात और पित्त को बढ़ाने वाली स्थिति, जिसमें शरीर अंदर से जलने लगता है।

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लू की पहचान:

  • दोपहर में 12 बजे से 5 बजे तक तेज़ गर्म हवा चलती है
  • ये हवा बहुत सूखी, जलन वाली और शरीर से पानी खींचने वाली होती है
  • कभी-कभी ऐसा लगता है जैसे शरीर में आग लग रही हो
  • स्किन जलने लगती है लाल हो जाती है
  • पेशाब पीला आने लगता है व काम आता है
  • पसीना ज्यादा आता है ओर तापमान बढ़ने पर पसीना काम भी आता है|
  • होंठ सुखने लगता है |
  • शरीर का तापमान बहुत बढ़ जाता है 103 F से ऊपर हो जाता है |
  • थकान का होना |
  • कुछ लोगों मे बड़बड़ाना लगते है दिमाक का संतुलन बिगड़ जाता है |
Loo Se Kaise Bachein – Garmi Mein Loo Se Bachav Ke Gharelu Upay
चक्कर आना

लू लगने के शुरूआती लक्षण (Symptoms):

  1. चक्कर आना |
  2. सिर दर्द होना |
  3. उलटी आना |
  4. धड़कन तेज होना |
  5. गल सुखना अत्यधिक प्यास लगना |
  6. चमड़ी का लाल पड जाना |

लू लगने पर क्या न करें?:-

  • किसी भी प्रकार की दवाई का इस्तेमाल न करें जैसे disprin tablet वगैरा क्यूकी ज्यादा तर लोग घर मे पड़ी हुई दवाई सिर दर्द की दवाई ले लेते है इन्हे लू लगने पर नहीं लेना चाहिए क्यूंकी लू एक पानी की कमी से होने वाला बीमारी है जो रोगी को उसकी पनि की कमी पूरी करने पर ठीक हो सकती है |

लू का आयुर्वेदिक और घरेलू इलाज:- (Ayurvedic upay for loo prevention )

  1. बेल पत्र का जूस पीना चाहिए |
  2. खाली पेट घर से न निकले कुछ कहा कर ही न निकले |
  3. पानी ज्यादा से ज्यादा पीना चाहिए |
  4. गर्मियों मे जिन फलों मे पानी होता है खाएँ जैसे तरबूज, खरबूज, नारियल पानी पियें 
  5. सिकंजवी का सेवन करें |
  6. अगर ज्यादा हालात खराब है तो हो सके तो उस व्यक्ति को नहला दो
  7. ओर थोड़ी ठंडी हवा मे बिठाया जाए|
  8. ओर हल्का या नॉर्मल ठंड पानी पीने को दें |
  9. लस्सी पीने को दें
  10. अगर ज्यादा ही हालत खराब है तो तोलिए को गीला करके उसके शरीर को पोंछिए ताकि उस व्यक्ति को ठंडक मिल सके|
  11. प्याज का सेवन करना चाहिए
  12. सिर को ढक कर निकलें या छाता ले कर निकलें |
  13. गन्ने का रस पियें सबसे ऊर्जावान व dehydration से भी बचाता है | गन्ने रस के ओर फ़ायदों को जानने के लिए click krein 

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किन लोगों को लू लगने का ज्यादा खतरा है?

  1. बच्चे (5 साल से कम)
  2. बुज़ुर्ग (60+ साल)
  3. जो धूप में काम करते हैं
  4. जिनकी तबीयत पहले से कमजोर है (BP, Diabetes)
  5. गर्भवती महिलाएं|